Thursday 6 March 2014

एक हाइकुनुमा कविता





होती बिटिया
चिड़ियों के जैसी
बाबुल घर

(चित्र: गूगल से साभार)




एक हाइकुनुमा कविता






न हो हताश
डूबकर उगता
फ़िर से सूर्य
***

सभी मित्रों को सुप्रभात :-))




(चित्र: गूगल से साभार)

Wednesday 5 March 2014

हुई सुबह



बजा अलार्म
छोड़ो अब बिस्तर
हुई सुबह

(चित्र: गूगल से साभार)



सोचो तो ज़रा
देखे कभी तुमने
शब्दों के पंख
***

लूट ले गए
लो सारी महफ़िल
शब्द तुम्हारे       

***


(चित्र: गूगल से साभार)

Sunday 2 March 2014


                        आते वसंत
                      हर एक उम्र में
                                                     न करो दुःख   


(चित्र: गूगल से साभार)




भागता चाँद 
गहरायी-सी रात 
पसरा मौन 



(चित्र: गूगल से साभार)




चला सूरज
समेटकर ज्योति
अपने घर 



(चित्र: गूगल से साभार)