शायद सभी की यही व्यथा है.रामराम.
रहिमन निज मन की व्यथा , मन ही राखो गोय ।सुनि' अठिलैहें लोग सब , बांट न लैहें कोय ॥ आदरणीय युगलद्वय ! सुंदर सेदोका !आभार !
शायद सभी की यही व्यथा है.
ReplyDeleteरामराम.
रहिमन निज मन की व्यथा , मन ही राखो गोय ।
सुनि' अठिलैहें लोग सब , बांट न लैहें कोय ॥
आदरणीय युगलद्वय !
सुंदर सेदोका !
आभार !